shayari on sharab in hindi holds a unique and captivating position. These verses, infused with the intoxicating spirit of sharab, or wine, transport readers to a realm where passion, love, and philosophical introspection intertwine. Explore the depths of human emotion with Sharab as a Muse.
शराब एक ऐसा विषय है जिस पर सदियों से कवियों और लेखकों ने लिखा है। शराब के नशे में मनुष्य को जो आनंद, मस्ती, और कल्पना की दुनिया मिलती है, उसे शायरों ने अपनी रचनाओं में बखूबी उकेरा है। हिंदी साहित्य में शराब पर लिखी गई शायरी की एक समृद्ध विरासत है।
sharab shayari 2 lines
मिलावट है तेरे इश्क में इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते हैं कभी हम बहक जाते हैं..❗
पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर,
‘जलील’ बादल का रंग देख के नीयत बदल गई..❗
तुम्हारी नीम निगाही में न जाने क्या था,
शराब सामने आयी तो फैंक दी मैंने..❗
शराब के भी अनेक रंग हैं साक़ी,
कोई पीता है आबाद होकर,
तो कोई पीता है बर्बाद होकर..❗
पहले तुझ से प्यार करते थे,
अब शराब से प्यार करते हैं..❗
लोग जिंदगी में आये और चले गए,
लेकिन शराब ने कभी धोखा नहीं दिया..❗
शराब पर लिखी गई शायरी को दो प्रमुख पहलुओं में बांटा जा सकता है। पहला पहलू है शराब के नशे का आनंद और मस्ती। दूसरा पहलू है शराब के माध्यम से जीवन के सत्य और रहस्यों की खोज।
sharab par shayari
कभी उलझ पड़े खुदा से कभी साक़ी से हंगामा,
ना नमाज अदा हो सकी ना शराब पी सके।
हर बार सोचता हूँ, छोड़ दूंगा मैं पीना अब से,
मगर तेरी आड़ आती है, और हम मयखाने को चल पड़ते हैं।
मिलावट है तेरे इश्क में, इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते हैं, कभी हम बहक जाते हैं |
ये ना पूछ मैं शराबी क्यूँ हुआ, बस यूँ समझ ले,
गमों के बोझ से, नशे की बोतल सस्ती लगी।
अब तो उतनी भी बाकी नहीं मय-ख़ाने में,
जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में।
अपनी नशीली निगाहों को,
जरा झुका दीजिए जनाब
मेरे मजहब में नशा हराम है।
शराब के नशे का आनंद
शराब के नशे का आनंद शायरी का एक लोकप्रिय विषय रहा है। शायरों ने शराब के नशे में मनुष्य की मस्ती, कल्पना, और प्रेम की भावनाओं को अपनी रचनाओं में उकेरा है।
sharab shayari in hindi
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी |
मयखाने की इज्ज़त का सवाल था हुज़ूर,
सामने से गुजरे तो, थोड़ा सा लड़खड़ा दिए।
पहले सागर से तो छलके मय-ए-गुलफाम का रंग,
सुबह के रंग में ढल जाएगा खुद शाम का रंग !
न जख्म भरे, न शराब सहारा हुई
न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई।
तुम्हारी नीम निगाही में न जाने क्या था
शराब सामने आयी तो फैंक दी मैंने
कुछ चेहरे लाजवाब लगते हैं, मोहब्बत के लम्हें शराब लगते हैं,
दर्द इतने सहे मोहब्बत में मैंने, कि अब होश के पल खराब लगते हैं
जीवन के सत्य और रहस्यों की खोज
शराब के माध्यम से जीवन की सच्चाइयों और रहस्यों की खोज कविता में एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। कवियों ने शराब के नशे में आत्मा की खोज, जीवन के अर्थ और उद्देश्य और परमात्मा के अस्तित्व के बारे में अस्तित्व संबंधी प्रश्नों पर विचार किया है।
sharab shayari by ghalib
टूटे हुए पैमाने बेकार सही लेकिन,
मय-ख़ाने से ऐ साक़ी बाहर तो न फेंका कर !
टूटे हुए पैमाने बेकार सही लेकिन,
मय-ख़ाने से ऐ साक़ी बाहर तो न फेंका कर !
थोड़ा गम मिला तो घबरा के पी गए,
थोड़ी खुशी मिली तो मिला के पी गए,
यूँ तो न थी हमें ये पीने की आदत,
शराब को तन्हा देख तरस खा के पी गए।
टूटे हुए पैमाने बेकार सही लेकिन,
मय-ख़ाने से ऐ साक़ी बाहर तो न फेंका कर !
नशा मोहब्बत का हो या शराब का
होश दोनों में खो जाते है.
फर्क सिर्फ इतना है की शराब सुला देती है
और मोहब्बत रुला देती है
मैं तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती,
मैं जवाब बनता अगर तू सवाल होती,
सब जानते है मैं नशा नही करता,
मगर मैं भी पी लेता अगर तू शराब होती |
लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ ख़राब कहते हैं,
दवा है हज़ार ग़मों की उसे शराब कहते हैं।
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी |
रह गई जाम में अंगड़ायाँ लेके शराब,
हम से माँगी न गई उन से पिलाई न गई |
यूँ बिगड़ी बहकी बातों का
कोई शौक़ नही है मुझको,
वो पुरानी शराब के जैसी है
असर सर से उतरता ही नहीं।
ग़म इस कदर बढ़े कि घबरा के पी गया,
इस दिल की बेबसी पे तरस खा के पी गया,
ठुकरा रहा था मुझे बड़ी देर से ज़माना,
मैं आज सब जहान को ठुकरा के पी गया।
तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं,
मेरी अंधेरी रातों के उजाले हैं,
पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का,
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं |
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है |
Ghalib shayari on sharab is not just about revelry. It’s a tapestry woven with threads of love, liberation, existentialism, and even a touch of rebellion.
निष्कर्ष
शराब पर लिखी गई शायरी हिंदी साहित्य का एक अमूल्य खजाना है। यह शायरी हमें शराब के नशे के आनंद और मस्ती के साथ-साथ जीवन के सत्य और रहस्यों की खोज के बारे में भी बताती है। यह शायरी हमें मधुशाला की दुनिया में ले जाती है, जहां हम शायरों के साथ शराब का नशा करते हुए जीवन के अर्थ और उद्देश्य पर विचार कर सकते हैं।